मुंबई। महाराष्ट्र की एक सत्र अदालत के जज की पत्नी ने बांबे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर अपने पति और ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की है। महिला के वकील ने बुधवार को बताया कि 29 जुलाई को पत्र मिलने के बाद मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग ने उसे हाई कोर्ट की रजिस्ट्री को प्रारंभिक जांच के लिए भेज दिया है। पत्र में 37 वर्षीय महिला ने अपने पति के खिलाफ जांच की मांग की है।
महिला ने कहा कि आठ मई 2007 को उनका विवाह हुआ था, जो वर्तमान में पुणे जिले के बारामती में जज के तौर पर तैनात हैं। पत्र के अनुसार, 'मेरे पति और ससुराल के लोगों ने विवाह के तुरंत बाद मुझे और मेरे परिवार को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पांच लाख रुपये नकद व फर्नीचर देने तथा विवाह का खर्च उठाने के बाद भी मेरे पति और उनके परिवार ने बाद में एक कार और 30 एकड़ कृषि भूमि की मांग शुरू कर दी।' महिला ने आरोप लगाया कि उनके पिता की 2008 में मौत के बाद उनके ससुराल वाले खानदानी जमीन जज के नाम करने की मांग करने लगे।
महिला ने पत्र में दावा किया है कि जब उन्होंने इससे इन्कार किया तो उनके पति और ससुराल के लोगों ने मारपीट की और घर से निकाल दिया। उन्होंने कुछ समय लातूर में अपनी मां के घर बिताया। जब पति की तैनाती अकोला में हुई तो वह उनके साथ रहने गई, लेकिन उसे फिर से जाने के लिए मजबूर कर दिया गया। उसने कहा कि अपने जीवन को खतरे का अंदेशा होने पर उसने चार जुलाई 2012 को अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और उन्हें पति का घर छोड़कर अपनी मां के साथ रहने की सलाह दी। महिला ने कहा कि उन्होंने अकोला में परिवार अदालत में अर्जी दाखिल कर गुजारा भत्ता देने की मांग की है।
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Editor- Majid Siddique