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महाराष्ट्र में बाढ़ के कहर से बिगड़े हालात, कोल्हापुर-सांगली में 26 मरे

मुंबई मुंबई और कोंकण के बाद पश्चिम महाराष्ट्र को चपेट में ले चुकी भीषण बरसात के कारण पिछले दो दिनों में 26 लोगों की जान जा चुकी है। पिछले एक सप्ताह से इस क्षेत्र में हो रही बरसात के कारण लगभग पूरा पश्चिम महाराष्ट्र बाढ़ की चपेट में आ गया है। कोल्हापुर और सांगली पूरी तरह जलमग्न दिखाई दे रहे हैं, तो पुणे और सातारा में बाढ़ का असर है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने कोल्हापुर से कल 3500 से अधिक लोगों को बचाया, जो लगातार बारिश के कारण बाढ़ में फंसे हुए थे। 

मुख्यमंत्री ने इन क्षेत्रों का हवाई दौरा करने के बाद आज पत्रकारों को बताया कि बाढ़ के कारण इन कोल्हापुर और सांगली में अब तक 26 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से 12 लोगों को सांगली के ब्रम्हनाल गांव में बचाव के लिए निकली नौका डूबने से अपनी जान गंवानी पड़ी है। मुख्यमंत्री के अनुसार स्थिति बहुत ही खराब है। उचित समय पर इस क्षेत्र को राष्ट्रीय आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाएगा। बता दें कि मुंबई, कोकण और पश्चिम महाराष्ट्र में बाढ़ का कहर होने के बावजूद इसी सूबे के सूखा प्रभावित मराठवाड़ा और विदर्भ अभी भी इस मानसून की पूरी बरसात से वंचित दिखाई दे रहे हैं। 

सांगली में झूलेलाल चौक पर बुजुर्ग लोगों को बाढ़ से बचाते एनडीआरएफ के लोग।

 

मुख्यमंत्री के अनुसार बाढ़ में फंसे लोगों के लिए बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। करीब 10,000 लोग इस कार्य में लगे हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ की 13, एसडीआरएफ की एक, नौसेना की 14 के अलावा थल सेना, तटरक्षक बल और वायुसेना की भी मदद ली जा रही है। तटरक्षक बल की दो और टीमें कोल्हापुर के रास्ते हैं। राज्य ने केंद्र से एनडीआरएफ की पांच और टीमों की मांग की है। फड़नवीस के अनुसार ज्यादातर इलाकों में बाढ़ का पानी कम न होने से बचाव कार्य में बाधा आ रही है। वह पिछले कुछ दिनों के अंदर ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा से तीन बार अलमाटी बांध से पानी छोड़ने की अपील कर चुके हैं। येदियुरप्पा ने उक्त बांध से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ने पर सहमति जताई है। यह पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम महाराष्ट्र को राहत मिल सकती है। 

Hind Brigade

Editor- Majid Siddique


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