क्वालालंपुर। इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक की परेशानी बढ़ गई है। जाकिर के विवादस्पद बोल ने उसकी मुसीबत बढ़ा दी है। फिलहाल वो मलेशिया में रह रहा है और वहां भी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा। इससे तंग मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि जाकिर नाइक इस देश का नागरिक नहीं है। उसे पिछली सरकार द्वारा स्थायी दर्जा दिया गया था। स्थायी निवासी को देश की प्रणाली या राजनीति पर टिप्पणी करने का हक नहीं होता। उसने इसका उल्लंघन किया है। इसलिए अब उसे बोलने की अनुमति नहीं है।मलयेशियाई मीडिया ने इसकी जानकारी दी
उन्होंने जाकिर के प्रत्यर्पण के सवाल पर कहा, जाकिर को कोई भी देश अपनाना नहीं चाहता। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे मुलाकात के दौरान नाइक के प्रत्यर्पण का अनुरोध नहीं किया। यह आदमी भारत के लिए भी मुसीबत बन सकता है। गौरतलब है कि जाकिर पर मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप हैं। महातिर मोहम्मद इसी महीने रूस में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम बैठक के इतर दौरान पीएम मोदी से मिले थे।
नहीं है कोई अपनाने के तैयार
उन्होंने कहा कि जाकिर द्वारा दिए गए नस्लीय रूप से विभाजनकारी टिप्पणियों के बाद मलेशिया में सार्वजनिक रूप से बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गौरतलब है कि जाकिर ने अपने एक भाषण में कहा था कि चीनियों को वापस चीन भेजा जाना चाहिए। महातिर मोहम्मद ने कहा कि हम उसे किसी और जगह भेजने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उसे अपनाने करने को तैयार नहीं है।
नाइक का हो रहा लगातार विरोध
इससे पहले मलेशिया के मानव संसाधन विकास मंत्री एम. कुलसेगरन ने कुछ ही दिन पहले जाकिर नाइक को भारत को सौंपे जाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि जाकिर नाइक समाज में घृणा फैला रहा है। उसके कार्यों को देखकर नहीं लगता कि वो यहां रहने का हकदार है।
2016 में भारत से भारत से भागा
मुंबई में जन्में 53 वर्षीय नाइक एक कट्टर इस्लामिक उपदेशक है जो साल 2016 में भारत से भागकर मलेशिया पहुंच गया था। यहां उसे स्थायी निवासी के तौर पर रहने की अनुमति मिल गई। लेकिन इसी साल 8 अगस्त को जाकिर नाइक ने मलेशियाई हिंदुओं और चीनी नागरिकों के खिलाफ विवादित बयान दिया। इसके बाद उस पर सार्वजनिक सभाओं में बोलने पर रोक लगा दी गई और उससे स्थायी निवासी का दर्जा भी वापस लिया जा सकता है।
Hind Brigade
Editor- Majid Siddique