नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के संबंध में विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे कश्मीर दौरा कर सकते हैं।
आजाद को मिली अनुमती
सुप्रीम कोर्ट ने गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर, जम्मू, अनंतनाग और बारामुला जाने की अनुमति दे दी है। इससे कि वह अपने क्षेत्र के लोगों का हालचाल ले सकें। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि आजाद इस दौरान कोई भाषण नहीं देंगे और न ही कोई सार्वजनिक रैली करेंगे। जैसा की उन्होंने कहा था।
राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर समान्य जीवन हो बहाल
इससे पहले केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कश्मीर में जल्द से जल्द सामान्य जीवन बहाल हो। साथ ही उसने इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को भी ध्यान में रखने को कहा है। बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस पीठ ने केंद्र सरकार को दो हफ्ते में कश्मीर की पूरी तस्वीर सामने रखने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भारत और जम्मू-कश्मीर सरकार को मामले में एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा। कोर्ट ने अगली सुनवाई 30 सितंबर को करने के लिए कहा है।
कश्मीर के सभी समाचार पत्र चल रहे हैं
पीठ को केंद्र सरकार ने बताया कि कहा सभी कश्मीर के सभी समाचार पत्र चल रहे हैं और सरकार सभी प्रकार की सहायता दे रही है। इसने यह भी कहा कि राज्य में एफएम नेटवर्क के साथ दूरदर्शन और अन्य निजी जैसे टीवी चैनल काम कर रहे हैं। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों का ब्योरा मांगा।
बुरहान वानी केस का केंद्र ने दिया उदाहरण
इस दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पाकिस्तान की ओर कश्मीर में आतंकियों के लिए बड़े पैनामे पर फंडिंग हो रही है। पाकिस्तान की ओर से लगातार वहां अशांती फैलाने की कोशिश हो रही है। इस दौरान उन्होंने 2016 में बुरहान वानी की मौत का उदाहरण देते हुए कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर 3 महीने के लिए इंटरनेट और फोन सुविधाओं को बंद कर दिया गया था।
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Editor- MAjid Siddique